Pracheen Magadh Mein Baudr Dharm Ka Svaroop

Pracheen Magadh Mein Baudr Dharm Ka Svaroop

Authors: Dr Uttam Singh, Dr. Raj Kumar,
Publish Date/ Year : २०२४ | Format: Paperback | Genre : History | Other Book Detail

ऐतिहासिक दृष्टिकोण से पालि त्रिपिटक को एक मात्र सच्चा बुद्ध वचन माना गया है। बुद्धधर्म का उद्भव काल (563 ई.पू.) माना गया है। मगध के सम्राट अशोक 274 ई.पू. में गद्दी पर आसीन हुए। सम्राट अशोक के गद्दी पर आसीन होने के पूर्व (299 वर्ष) बौद्ध धर्म 18 सम्प्रदायों में विभाजित हो चुका था। इन सभी सम्प्रदायों के अपने अपने साहित्य थे, जिन्हें प्रामाणिक बुद्ध वचन मानते थे। पालि त्रिपिटक इन्हीं प्राचीन सम्प्रदायों में से एक (स्थविरवाद, थेरवाद) की मूल साहित्यक निधि है। पालि त्रिपिटक में संकलित बुद्ध वचन और उनकी अ‌ट्ठकथाएँ इतना ही स्थविरवाद बौद्ध धर्म का साहित्यिक आधार है तिपिटकसंगहितं अ‌ट्ठकथं सव्वं धेरवादं तिः। शेष सत्रह सम्प्रदायों का साहित्य प्रायः लुप्त हो चुका है। मूल तो प्रायः किसी का भी मिलता हीं नहीं। चीनी और तिब्बती अनुवादों से ही आज हमें उनकी जानकारी मिलती है, जिनमें सर्वास्तिवादी मुख्य हैं। यह एक प्रभावशाली सम्प्रदाय था, जिसका आविर्भाव मगध सम्राट अशोक के पूर्व ही हो चुका था। स्थविरवादी सम्प्रदाय के सूत्र, विनय और अभिधम्म तीनों पिटक पालि भाषा में संग्रहित मिलते हैं।
Pages

३७९ pages
Language

Hindi
Publication date

२०२४
ISBN-13

९७८-९३-६६७८-५०९-७




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